Resignation

ऑफिस का Presentation अभी कुछ आधा सा ही बन पाया होगा कि नैना के फोन पर reminder के अलार्म की आवाज़ आयी ।  दो बार snooze कर सोचा कि पहले ये काम पूरा कर लेती हूँ पर दिमाग था कि उस अलार्म की तरफ ही खिंचे जा रहा था ।  आखिरकार presentation को एक बार फिर अधूरा छोड़ नैना ने फोन उठा लिया ।  “sports day uniform… ” फोन पर लिखे reminder को पढ़ते ही नैना के चेहरे पर खीझ के भाव आ गए ।  “shit… रोहन की uniform तो धोना भूल ही गयी । और कल ही तो उसका weekly sports day है ।” थोड़ी देर सोचा पर कोई और उपाय नहीं था । आखिर अपने आप को धकेलते हुए नैना ने अपने बेटे रोहन की cuboard से उसकी uniform के साथ कुछ और बिना धुले कपड़े निकाल वाशिंग मशीन में डाल दिए ।  मशीन को Air Dry Mode पर सेट कर उसने बटन दबाया और फिर लैपटॉप के सामने आ कर बैठ गयी । घर के इन सब कामकाज के बीच पिछले 3 घंटे से presentation बनाने की जद्दोजेहद करती नैना अपने काम पर ध्यान लगा ही नहीं पा रही थी । “बहुत हुआ… अब इस बार कुछ नहीं ।  काम खत्म कर के ही उठूँगी ।” ऐसा सोच उसने कुछ लिखना शुरू ही किया था कि, एक नया E-mail आ गया । क्यूंकि Mail उसके मैनेजर शेखर का था तो पढ़ना जरूरी था ।  

Dear Naina,

As per our discussion, you were supposed to send the detailed presentation of our plan to the client today. But I can’t see any mail from you yet. Anyways, as client was enquiring continuously so I have sent the details to them.

Regards,

Shekhar

Mail पढ़ नैना का गुस्सा और बढ़ गया “Enough… I can’t handle it anymore” गुस्से में बड़बड़ाती हुयी नैना ने लैपटॉप को बंद कर कोने की तरफ सरका दिया ।

“क्या हो गया ?” अपने लैपटॉप में सिर घुसाये राजीव ने पूछा ।

“राजीव… मुझ से नहीं हो रहा  ।  Not able to manage so much… I want to quit.” अपना माथा हाथों से दबाते हुए नैना ने कहा ।

“हाँ तो ठीक है… इतना दवाब क्यूँ ले रही हो? मैंने तो पहले ही कहा था कि तुम्हें काम करने कि कोई जरूरत नहीं है ।  Resign कर दो न कंपनी से । ” लैपटॉप पर कुछ टाइप करते हुए राजीव ने कहा ।

“क्या बोल रहे हो ? मैं ऑफिस छोड़ने की बात नहीं कर रही ।  मुझे इन घर गृहस्थी के कामों से resign करना है । ” ऊंची आवाज़ में नैना के कहे ये शब्द राजीव के कानों में पड़ते ही उसका ध्यान लैपटॉप से हट अब नैना की तरफ आ गया ।

“मतलब…” बात को समझने की उधेड़बुन के बीच राजीव के मुँह से बस इतना ही निकल पाया ।

“मतलब ये कि थक गई मैं घर के काम करते-करते ।  सब चीजों को manage करते-करते ।  और उसके ऊपर ये काम हैं कि कभी खत्म ही नहीं होते ।  बस अब और नहीं कर सकती मैं ये सब ।  I want to quit from this post of HOMEMAKER. ” नैना एक सांस में बोलती चली गई ।

राजीव अब तक बात को हल्के में ले रहा था लेकिन नैना की आवाज़ में जाहिर frustration और गुस्सा बता रह था कि मामला गंभीर है । राजीव लैपटॉप बंद कर नैना के पास जा कर बैठ गया ।  नैना के सिर को हाथों से सहलाते हुए बोला “सिर मैं बहुत दर्द हो रहा है क्या? ऐसा करो तुम लेट जाओ… मैं थोड़ा तेल लगा कर मालिश कर देता हूँ… तुम्हें अच्छा लगेगा । ”

“बात मत बदलो ।  I am serious. घर के ये सब काम मैं अब और नहीं कर सकती । ” नैना ने राजीव का हाथ हटाते हुए बोला ।

“अच्छा ठीक है मत करना … कल सुबह आराम से बात करते हैं इस बारे में… वैसे भी काफी रात हो गई । ” नैना के सिर को फिर से सहलाते हुए राजीव ने दूसरे हाथ से रिमोट उठा A.C. का temperature 24 से घटा का 20 कर दिया ।  थोड़ी देर तो नैना राजीव को कुछ-कुछ कहती रही लेकिन तेल की मालिश और A.C. की ठंडक के बीच उसे जल्द ही नींद आ गई ।

राजीव को उम्मीद थी कि अगले दिन तक बात आई-गई हो जायेगी ।  सुबह टेबल पर तैयार चाय, स्पोर्ट्स यूनीफोर्म में तैयार खड़ा रोहन और टिफिन बनाने की जल्दबाजी के बीच किचिन से आती बर्तनों की आवाजें भी तो यही बात बयान कर रही थी ।   

“चलो सब normal है..” घर की शांति से आश्वस्त हो राजीव चाय की चुस्कियों के बीच अखबार खोल दीन-दुनिया की ख़बरों में उलझ गया ।  रोहन स्कूल के लिए निकल चुका था पर राजीव अभी भी अपने फोन और अखबार में उलझा हुआ था । घड़ी की तरफ नज़र जाते ही वो हड़बड़ी में उठा “देर हो गई आज फिर से … मैं नहाने जा रहा हूँ, जल्दी से नाश्ता लगा दो ।” नैना को आवाज़ लगते हुए राजीव बाथरूम की तरफ मुड़ा ही था कि

“मैंने bread-butter खा लिए हैं ।  तुम अपना देख लेना क्या खाना है? कुछ नहीं बनाया मैंने ।  ” नैना के कहे ये शब्द राजीव के कानों में युद्धविराम के बीच फटे किसी बम धमाके की तरह थे ।

“क्या हुआ? अभी भी तबियत ठीक नहीं है क्या?” बड़ी मासूमियत से पूछे राजीव के इस सवाल को अनसुना कर नैना ने अपना लैपटॉप खोला और ऑफिस के काम में लग गई । असमंजस की स्थिति में राजीव ने पहले नैना को देखा और फिर अपने हाथ में लटके तौलिए को ।  विस्फोटक स्थिति की मांग को समझते हुए उसने तौलिए को दरवाज़े पर लटका अपने मैनेजर को एक मैसेज भेज दिया “Doing WFH today. Some urgency at home.”

“अरे हुआ क्या जी… बताओ तो सही” राजीव के बेतकल्लुफ हो पूछे इस सवाल पर नैना ने उसे घूर कर देखा “ तुम्हें पता है क्या बात है । ”

“सच्ची मुझे नहीं पता क्या बात है ।  मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि तुम कहना क्या चाहती हो?”

“अगर नहीं समझ आ रहा तो रहने दो ।  But I am seriously done.” कहते हुए नैना ने लैपटॉप का चार्जर लगाया और काम में लग गई ।

थोड़ी देर सोचने के बाद जब राजीव को कुछ न सूझा तो उसने नैना का लैपटॉप पीछे खींचा और कहा “अच्छा हुआ जो तुमने कुछ नहीं बनाया । चलो breakfast करने बाहर चलते हैं । ”

“मेरा breakfast हो गया । तुम चले जाओ । और हाँ अपने लंच का भी इंतज़ाम कर लेना क्यूंकि मैं कुछ नहीं बनाने वाली । ” लैपटॉप वापस खींच नैना फिर से काम में लग गई ।

“न बाहर चलना है, न कुछ बनाना है । करना क्या है ? ” नैना के बार बार इनकार करने पर राजीव ने कहा ।

“कुछ नहीं… यही तो तुम्हें इतनी देर से बोल रही हूँ । कुछ नहीं करना मुझे ।” नैना ने झुंझलाते हुए जवाब दिया ।

“अरे यार…फिर से ये तुम्हारे Mood Swings…” हल्के से बडबडाते हुए राजीव पलंग से उठ ही रहा था कि नैना का गुस्सा फट पड़ा ।

“seriously…तुम हर प्रॉब्लम को कितनी आसानी से मेरी menstrual cycle से जोड़ देते हो ।  It has nothing to do with my periods or mood swings. It’s about hell lot of things I have to do at home.”

नैना के इस जवाब से राजीव को भी थोड़ा गुस्सा आ गया ।  “यार बात तो ऐसे कर रही हो जैसे मैं तो यहाँ खाली बैठा रहता हूँ ।  ऑफिस के काम, बाहर के काम… बच्चे के काम…पचास काम रहते हैं मेरी जान को भी ।  मैं भी मना कर दूँ करने से तो फिर।  ”

“तुम्हारी मर्ज़ी । वैसे ऑफिस मैं भी जाती हूँ राजीव । और…” नैना की बात अभी खत्म भी नहीं हुयी थी कि राजीव ने तुरंत जवाब दिया “हाँ तो छोड़ दो ऑफिस… मैंने तो तुम्हें जॉब करने को नहीं कहा । ”

“वाह… तो ये है तुम्हारा solution… जॉब मैं अपने लिए करती हूँ और problem जॉब नहीं घर के काम हैं ।  उनके बारे में बात करो”

“ अरे कितने सारे काम तो सुबह आ कर दीदी भी कर देती हैं ।  अब और क्या करूँ मैं ? आखिर तुम मुझ से चाहती क्या हो? ” राजीव झिल्ला गया ।

“मैं बता चुकी हूँ । I want to resign from this home maker job.  बचपन में मुझे बड़ी शर्म आती थी ये बताने कि मेरी मम्मी बस घर के ही काम-काज करती हैं । लेकिन आज समझ आया कि homemaker बनना बहुत मुश्किल काम है ।  शायद सब से मुश्किल । ”

“हाँ तो पहले पापा लोग भी तो घर का कोई काम नहीं करते थे ।  लेकिन मैं तो तुम्हारे कितने काम करवाता हूँ । और क्या चाहिए ?” अपने इस जवाब में जीत तलाशते राजीव का यह पाँसा तुरंत उल्टा पड़ गया ।

“मेरे काम… मेरे काम… वो मेरे नहीं घर के काम हैं और घर तुम्हारा भी है ।  Male dominant society की इस सोच से भी मुझे परेशानी है जो घर के काम भी ऐसे करते हैं जैसे बीवी पर एहसान कर रहे हों । ”

राजीव के तरकश के सारे तीर खत्म हो चुके थे ।  कुछ और सूझता न देख उसने नैना को थोड़ी देर अकेला छोड़ देने मैं ही भलाई समझी ।  नैना ने भी दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया ।

बाहर दरवाज़े पर बजी घंटी की आवाज़ से नैना की आँखें खुली ।  घडी पर नज़र घुमाकर देखा तो “oh no…4 बज गए… रोहन ने आकर कुछ खाया भी नहीं होगा । ” पलंग से तेज़ी से उठ उसने दरवाज़ा खोला ।  राजीव, रोहन के रूम में उसका homework करवा रहा था ।  किचिन में बाहर से आया हुआ खाना और सिंक में रखी जूठी प्लेट बता रही थी कि रोहन और राजीव खाना खा चुके थे । वैसे घर भी कुछ साफ़ सा लग रहा था ।  रोहन के जूते और ड्रेस सब जगह पर रखे थे, सोफे के तकिये सलीके से सोफे पर ही रखे थे, और तो और टीवी का रिमोट और आज का न्यूज पेपर भी अपनी जगह पर पहुँच गए । थोड़ा बहुत ही सही पर असर तो पड़ा था । सच कहा है किसी ने “बीवी का क्रोध पति के लिए काली के रोद्र रूप से कम नहीं होता ।“

 ””अरे उठ गई…चलो पहले चाय बना देता हूँ ।  फिर खाना लगा दूँगा ।  तुम्हारी पसंदीदा दाल मखनी मंगवाई है ।” कहते हुए राजीव ने चाय का बर्तन गैस पर रख दिया । रोहन भी पढाई छोड़ अपने खिलोनों के साथ खेलने में लग गया । बिना कुछ बोले नैना डाइनिंग टेबल के पास आ कर बैठ गई ।  उसका सिर का दर्द अब काफी हल्का हो चुका था । राजीव और रोहन को देखते हुए उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान भी आ गई थी । वाकई परिवार इंसान की जिंदगी का वो अहम पहलू है जो हमें खुशियाँ और ताकत देता है । और स्वाभाविक रूप से इस ताकत और खुशियों के साथ जिम्मेदारियाँ  भी आती हैं ।

“मैं भी कितनी ना समझ थी कि इन जिम्मेदारियों से ही भागने की सोच रही थी । मैं भाग नहीं सकती इन सब से ।“ नैना ये सब सोच ही रही थी कि राजीव ने चाय की ट्रे को टेबल पर रख नैना के पास बैठ गया ।  

“जो तुमने बोला मैंने उस बारे में सोचा । I agree कि तुम्हारे पास जिम्मेदारियाँ काफी ज्यादा हो गई हैं ।  तो आज से घर के कुछ काम तुम मुझे दे दो ।  लिस्ट बना कर मुझे बता दो कि क्या करना है । क्यूंकि तुम्हें तो पता है कि मैं हूँ भुलक्कड़ राम । बीच-बीच में याद दिलाते रहना । सब हो जाएगा…जिम्मेदारियाँ साझा कर के चीज़ों को सुलझा लेंगे ।  और हाँ… हम अंपने घर के CEO को ऐसे resign नहीं करने दे सकते ।  क्यूंकि बाकी सब के बिना घर चल सकता है लेकिन तुम्हारे बिना नहीं ।  तो सब भूल जाओ और ये गर्मा गर्म चाय पीयो” चाय का कप नैना को पकडाते हुए राजीव ने कहा ।  हल्की सी मुस्कान चेहरे पर ला नैना ने चाय का कप पकड़ लिया ।  अभी के लिए उसका resignation चाय के एक कप और राजीव की प्यार भरी बातों के बीच नामंजूर हो चुका था ।  लिस्ट वगेरह की बातें राजीव कर भले ही रहा था लेकिन कहीं न कहीं नैना को भी पता था कि आखिरकार काम सब लौट फिर कर उस पर ही आ जायेंगे । क्यूंकि ये ऐसे काम हैं जिन्हें करने पर न कोई शाबाशी नहीं मिलती और न कोई तरक्की ।  कोई recognize भी नहीं करता । तो अभी के लिए सब कुछ फिर वैसे ही चलने लगेगा । कुछ दिनों बाद फिर नैना का पारा हाई होगा । फिर हल्ला मचेगा । क्यूंकि साहब ये ऐसी समस्या जिस पर आये दिन जिरह होती है, लड़ाई होती है लेकिन हल कोई नहीं निकलता । एकाकी परिवारों के बढते चलन के बीच कहीं न कहीं ये हर घर की समस्या बन चुकी है ।   

खैर, वर्तमान में खुश नैना ने चाय की एक चुस्की लेते हुए राजीव को कहा “काम की लिस्ट तो काफी लंबी है… बाद मैं बना कर देती हूँ ।  हाँ पर एक काम फिक्स हो गया । आज से सुबह की चाय तुम ही बनाया करोगे ।  अच्छी बनाते हो ।  ”  हँसते हुए नैना ने चाय का कप उठाया और रोहन के साथ खेलने पहुँच गई ।            

2+

3 Comments

Leave a Reply to Anonymous Cancel reply

Your email address will not be published.