Action Uncle

अपने दुःख और दूसरों के सुख देख मेरा मन भी बीच-बीच में विचलित हो जाता है । जब अंदर के प्रश्नों का कोई जवाब नहीं सूझता तो मैं शमशान में जाकर बैठ जाता हूँ । वहाँ मेरे हर सवाल का जवाब मिल जाता है । जीवन की सारी परेशानियाँ वहीं जाकर खत्म होती है । सारे सुख भी वहाँ पहुँचने से पहले साथ छोड़ देते हैं ।

मिठास

इससे पहले वो कुछ बोल पाता, कविता ने उसके कंपकंपाते हुए हाथों को पकड़ लिया । कविता की आंखों में माफी के आँसू और चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी । शेखर समझ गया था कि कुछ कहने या समझाने की जरूरत नहीं है । दोनों एक दूसरे की तरफ देखे जा रहे थे । इसी बीच एक बच्चा शेखर का हाथ पकड़ नाचने लगा । कविता की ओर प्यार भरी निगाहों से देख शेखर भी नाचने लगा । इस वाक्ये ने कविता के दिल में घुली कड़वाहट को खत्म कर उनके रिश्ते में भी एक नई मिठास घोल दी थी ।

दद्दा

कहावत है कि वक्त के साथ आदतें भी बदलने लगती हैं । दौड़ती हुयी जिंदगी कि रफ़्तार के बीच तब पता ही नहीं चला लेकिन आज सोचती हूँ तो महसूस होता है । बड़े होने के साथ साथ लाइफ में मेरी priorities बदल गए थे । गार्डन में बैठने की जगह दोस्तों के साथ घूमने में मजा आने लगा । स्कूटर को सरपट दौड़ाकर जब घर से बाहर निकलती थी तो दद्दा को गले लगाना तो दूर,उसकी तरफ देखने का ख्याल भी नहीं आता था ।असल में दद्दा के साथ एक रिश्ता बना अचानक से मैंने उन्हें अकेला छोड़ दिया । ठीक वैसे ही जैसे एक दिन मम्मी पापा को अकेला छोड़ मैं घर से भाग गयी थी । जिंदगी अपने हिसाब से जीने के लिए ।

Resignation

“मतलब ये कि थक गई मैं घर के काम करते-करते । सब चीजों को manage करते-करते । और उसके ऊपर ये काम हैं कि कभी खत्म ही नहीं होते । बस अब और नहीं कर सकती मैं ये सब । I want to quit from this post of HOMEMAKER. ”