डर के आगे…

कहते है न कि अति तो हर चीज की बुरी होती है । इस अति के प्यार ने मेरे अंदर वास्तविक सांसारिक चुनौतियों के प्रति एक डर बैठा दिया था । लेकिन मेरे जीवन की एक छोटी सी घटना ने सब बदल दिया

Technology Day

मेरे दिल की धड़कने दिमाग में हथोड़े जैसे बज रही थी । पेमेंट के Decline होने के डर ने हाथ पाँव सुन्न कर दिए थे । थोड़ी देर में गोल चक्कर रुकने के बाद स्क्रीन पर मैसेज आया “Transaction rejected

प्याज की आत्मकथा

मैं मूक खड़ी इस दुनिया की भ्रमित करने वाली सुंदरता के अंदर छिपे धोखे और कुटिलता को देख रो पड़ी । दुनिया के ऐसे रंग देख दूसरों को रुलाने वाली प्याज की आँखों में भी आज आंसूं थे ।

खोखली ख़ुशी

जवानी के उस दौर मैं मानो मैंने एक दौड सी लगा रखी थी । विदेश में बैठकर डालर में कमाई कर रहे मेरे सहपाठियों से दौड, किसी ऊंची इमारत के शानदार घर में रह रहे मेरे बॉस से दौड और ऑफिस की पार्किंग में मेरी गाडी के पास में खड़ी उस बड़ी-शानदार गाडी से दौड ।