आभार

उन पुराने दिनों की कुछ यादें ताज़ा कर वो आदमी चला गया लेकिन विशाल के दिमाग में घूमती बातों का एक तूफ़ान छोड़ गया । यदि उसका पैक किया पैराशूट उस दिन काम नहीं करता तो वह आज यहाँ नहीं होता ।

लाफिंग बुड्ढे

कुछ समय से जिंदगी घर और ऑफिस के बीच की एक रस्म अदायगी सी चल रही थी । रोजमर्रा के काम और नयी-पुरानी चिंताओं में अपने आपको इतना व्यस्त कर लिया था कि दो पल ठहर कर जिंदगी की दिशा और दशा समझने की फुर्सत भी नहीं थी ।

कशमकश

थोड़ी देर पहले खिलखिलाहट से गुलजार हुए संदली के चेहरे पर अचानक उदासी और कशमकश का पतझड़ पसर गया । ”नहीं आंटी… मेरे जीवन की पुस्तक के हर पन्ने पर तकलीफों और संघर्षों के जख्म ही लिखे हुए हैं । जितना उन्हें कुरेदेंगे, उतने ही गहरे नासूर दिखायी देंगे ।

समर्पित प्रेम

एक निर्जीव खिलौने ने आज जीवित खिलौने को गुलाम कर दिया है । समय आ गया है उसका मर्यादित उपयोग करना सीखने का नहीं तो… परिवार, समाज और राष्ट्र को उसके गंभीर परिणाम भुगतने पडेंगे और उसकी कीमत चुकाने को तैयार रहना पड़ेगा…