मिठास
इससे पहले वो कुछ बोल पाता, कविता ने उसके कंपकंपाते हुए हाथों को पकड़ लिया । कविता की आंखों में माफी के आँसू और चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी । शेखर समझ गया था कि कुछ कहने या समझाने की जरूरत नहीं है । दोनों एक दूसरे की तरफ देखे जा रहे थे । इसी बीच एक बच्चा शेखर का हाथ पकड़ नाचने लगा । कविता की ओर प्यार भरी निगाहों से देख शेखर भी नाचने लगा । इस वाक्ये ने कविता के दिल में घुली कड़वाहट को खत्म कर उनके रिश्ते में भी एक नई मिठास घोल दी थी ।