मिठास

इससे पहले वो कुछ बोल पाता, कविता ने उसके कंपकंपाते हुए हाथों को पकड़ लिया । कविता की आंखों में माफी के आँसू और चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी । शेखर समझ गया था कि कुछ कहने या समझाने की जरूरत नहीं है । दोनों एक दूसरे की तरफ देखे जा रहे थे । इसी बीच एक बच्चा शेखर का हाथ पकड़ नाचने लगा । कविता की ओर प्यार भरी निगाहों से देख शेखर भी नाचने लगा । इस वाक्ये ने कविता के दिल में घुली कड़वाहट को खत्म कर उनके रिश्ते में भी एक नई मिठास घोल दी थी ।

किचिन सेंटर

आज मुझे अपने आस-पास ऐसे कितने ही संसाधन दिख रहे थे जिन्हें मैंने इकठ्ठा तो कर लिया पर अब ठीक से उपयोग भी नहीं करता । उल्टा नयी-नयी चीजें जोड़ने की चिंता में फंसा हुआ हूँ । ऐसे कितने ही अधूरे काम जिन्हें कोशिश करे बिना ही मान लिया कि नहीं कर पाउँगा ।

दान

पहले मुझे भ्रम था कि रूपए पैसों से खरीदी उन चीजों को मैं वृद्धाश्रम में दान कर रहा हूँ । यानी मैं कुछ दे रहा हूँ । लेकिन मेरा ये ‘मैं’ तो कतई खोखला था । वास्तविकता में उनके निश्छल प्रेम और ढेर सारी दुआओं ने मेरी बेटी को ही मालामाल कर दिया था ।

फेसबुक बना हथियार

उसने बिल्डर द्वारा उस पर की जा रही ज्यादतियों को फेसबुक पर शेयर करना और मदद की अपील करना शुरु कर दिया । लेकिन सब फिल्मी कहानियों में जितना आसान लगता है उतना था नहीं । शुरू में कोई ख़ास सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई । उल्टे कुछ लोगों ने उसकी बात का मजाक बनाया । गंदे-गंदे कमेंट लिखे ।