फुर्सत के दो पल

बचपन में सब के साथ मिलजुल कर त्यौहार के काम करने का अलग ही उत्साह रहता था । तब काम भी खेल सरीखे लगते थे । लेकिन अब, घर से दूर, ऑफिस की भागमभाग के बीच, दो लोगों के परिवार में त्यौहार के काम किसी जंग सरीखे लगने लगे हैं ।